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विश्व पर्यावरण दिवस / World Environment day – 5 जून
आप जानना चाहते होंगे कि विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है ? पर्यावरण पर लेख , पर्यावरण की समस्या व उसका समाधान, पर्यावरण संरक्षण पर कविता, पर्यावरण पर Slogan / नारे, ये सब आपको इस ब्लॉग पर मिलेगा – आइए जानते हैं
विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है ?
हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
विश्व पर्यावरण दिवस पर लेख / कविता / नारे – slogan ↓↓
पर्यावरण पढ़ने को केवल एक शब्द है लेकिन इस छोटे से एक शब्द में ही न जाने कितनी चीजें समा जाती हैं, हमारे बिल्कुल आस-पास और खूब दूर-दूर तलक जो कुछ भी है, उसका बहुत-सा भाग, बहुत सी चीजें, उसकी बहुत सी बातें इसी एक शब्द में समा जाएँगी |
मिट्टी, पानी, हवा, नदी, ताल-तलैया, समुद्र, पहाड़, पेड़-पौधे, जंगल, जंगल में रहने वाले पशु-पक्षी, जंगल से बाहर गाँव में, शहरों में, रहने वाले हम – यह सब पर्यावरण जैसे छोटे से शब्द में आ जाते हैं | आओ पर्यावरण शब्द का अर्थ जानें..
पर्यावरण शब्द का अर्थ –
परि + आवरण अर्थात परि = चारों ओर, आवरण = घेरे हुए, मतलब जो हमें चारों ओर से घेरे हुए हैं वह है पर्यावरण |
पर्यावरण क्या है ?
हमारे आस-पास जो कुछ भी हमें दिखाई देता है वह सभी चीजें पर्यावरण का अभिन्न अंग है, और हर एक चीज, जो इस पर्यावरण का हिस्सा है इस पर्यावरण के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान देते हैं, चाहे पेड़-पौधे हों, चाहे पशु-पक्षी हों, चाहे कीड़े-मकौड़े हों, या अन्य चीजें, ये सभी हमारे प्रकृति के पर्यावरण को संतुलित बनाए रखते हैं, लेकिन आज के समय में हमने अपने ही इस पर्यावरण को नुकसान पहुँचाना शुरू कर दिया है …
पेड़-पौधे अनावश्यक कट रहे हैं, जंगली जानवरों का शिकार हो रहा है, प्रदूषण प्रकृति पर हावी हो रहा है.. इसकी मुख्य वजह कहीं न कहीं हम इन्सान ही हैं .. एक मानव जिसे इस दुनिया का सबसे समझदार प्राणी माना जाता है वही आज इस पर्यावरण के लिए सबसे बड़ी परेशानी खड़ी कर रहा है ..
आज का मानव ये नहीं सोचता कि पर्यावरण का दुरूपयोग करने से जब धीरे-धीरे जंगली जानवर नष्ट हो सकते हैं .. लाखों-करोङों वर्ष पहले के जब बड़े-बड़े डायनासौर तक इस धरती से गायब हो सकते है तो थोड़ा ठहरकर हमें यह भी सोचना पड़ेगा कि पर्यावरण की बेकद्री करने पर क्या हम सब भी बच पाएँगे ??
पर्यावरण पर लेख का उद्देश्य
मेरे इस लेख का उद्देश्य आज की वर्तमान समस्या की तरफ सबका ध्यान अग्रसर करना है, एक बार के लिए हम ये जरूर सोचें कि, भविष्य में इस के क्या-क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं… अगर हमने अब भी प्रकृति के पर्यावरण को संतुलित नहीं रखा तो इसका खामियाजा एक दिन हमें ही भुगतना होगा |
पर्यावरण संरक्षण पर कविता
रत्न प्रसविनी हैं वसुधा,
यह हमको सब कुछ देती है |
माँ जैसी ममता को देकर,
अपने बच्चों को सेती है ||
भौतिकवादी जीवन में,
हमनें जगती को भुला दिया |
कर रहें प्रकृति से छेड़छाड़,
हम ने ही सबको रुला दिया ||
हो गई प्रदूषित वायु आज,
हम स्वच्छ हवा को तरस रहे |
वृक्षों के कटने के कारण,
अब बादल भी न बरस रहे ||
वृक्ष काट – काटकर हम ने,
माँ धरती को वीरान कर डाला |
बनते अपने में होशियार अब,
अपने ही घर में डाका डाला ||
बहुत हो गया बन्द करो अब,
धरती पर अत्याचारों को |
संस्कृति का सम्मान न करते,
भूलते शिष्टाचारों को ||
आओ हम सब संकल्प लें,
धरती को हरा – भरा बनाएँगे |
वृक्षारोपण का पुनीत कार्य कर,
पर्यावरण को शुद्ध बनाएँगे ||
आगे आने वाली पीढ़ी को,
रोगों से मुक्त करेंगे हम |
दे शुद्ध भोजन, जल, वायु आदि,
धरती को स्वर्ग बनाएँगे ||
जन – जन को करके जागरूक,
जन – जन से वृक्ष लगवाएँगे |
चला – चला अभियान यही,
बसुधा को हरा बनाएँगे ||
जब देखेंगे हरी भरी जगती को,
तब पूर्वज भी खुश हो जाएँगे |
विश्व पर्यावरण दिवस पर नारे
- पर्यावरण की रक्षा, धरती की सुरक्षा
- जब होगा पर्यावरण का सम्मान, तभी होगी सुरक्षित अपनी जान
- यदि पर्यावरण की करनी है रक्षा, तो पेड़ पौधे की करो सुरक्षा
- आओ मिलकर पर्यावरण दिवस मनाएँ, इस धरती को सबके जीने योग्य बनाएँ
- पर्यावरण बचाओ, जीवन बचाओ |
किसी ने क्या खूब कहा है –
- पेड़ लगाना है एक वरदान
एक पेड़ दस पुत्र समान !!
- पेड़ काटने आए हैं कुछ लोग मेरे गाँव में
धूप बहुत तेज है कहकर बैठे हैं
उसी की छाँव में…. !!
10 (दस) आसान-सी कोशिशें अपने पर्यावरण को बचाने की ..
जानें — http://https://youtu.be/tMHH_bc8_xY
विश्व पर्यावरण दिवस / World Environment Day –5 जून
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ब्लॉग में आने के लिए आपका शुक्रिया |
3 comments
Bahut khubsurat post
आभार
Bhut khub.