हिन्दी दिवस पर कविता – प्रस्तुत् कविता हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में लिखी गई है, जैसा कि, विदित है हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है, क्योंकि 14 सितंबर 1949 को हिन्दी भाषा को राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ था। हम प्रति वर्ष हिन्दी दिवस को हिन्दी भाषा के सम्मान में इसकी समृद्धि व महत्त्व को बढ़ाने हेतु मनाते हैं । विस्तृत जानकारी हेतु यह लेख पढ़ें – हिन्दी दिवस कब और क्यों मनाते हैं?
हिन्दी दिवस के अवसर पर यदि आपको माधव शर्मा जी द्वारा रचित यह कविता पढ़नी चाहिए –
हिन्दी दिवस विशेष पर कविता प्रस्तुत् है –
हिन्दी दिवस पर कविता
शीर्षक – हिन्दी हैं हम
हम अभिलाषा ‘जयशंकर’ की,
हम परिभाषा हैं ‘दिनकर’ की।
हम ‘सूर’, ‘निराला’, ‘केशव’ हैं,
हम ‘मुक्तिबोध’ के सेवक हैं।।
हम ‘सेनापति’ के ‘भूषण’ हैं,
हम ‘मतिराम’, ‘रत्नाकर’ हैं।
हम प्रेमी ‘कुतुबन’,’मंझन’ हैं,
हम ‘आलम’,’नूर मुहम्मद’ हैं।।
हम ‘मीरा’ के गिरिधर गोपाल,
हम ‘घनानंद’ के हैं सुजान।
हम काशी के ‘तुलसी’,’कबीर’,
हम ‘पद्माकर’ के हैं अबीर।।
हम ‘नानक’, ‘दादू’ की वाणी,
हम ब्रज महिमा हैं ‘रसखानी’।
हम ‘अष्टछाप’ के बिहारीलाल,
हम ‘नाभादास’ के भक्तमाल।।
हम ‘भारतेंदु’ से शीतल हैं,
हम ‘विद्यापति’ से निर्मल हैं।
हम अखरावट ‘जायस वाले’,
हम ‘साहिब तुलसी’ हाथरस वाले।।”