अनुक्रमणिका
Sangya – संज्ञा
Sangya kise kahate hain?
(What is Sangya In Hindi)
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Sangya kise kahate hain? अगर हमें इसे अच्छे से समझना है तो सबसे पहले जानते हैं संज्ञा शब्द का अर्थ |
संज्ञा का शाब्दिक अर्थ है – ‘सम् + ज्ञा’ अर्थात – सम्यक (सही) ज्ञान कराने वाला।
संज्ञा Sangya शब्द का दूसरा पर्याय है – नाम |
अंग्रेजी में हम इसी संज्ञा को Noun कहते हैं |
अगर बात करें कि –
Sangya kise kahate hain ?
What is Sangya in Hindi
(संज्ञा के भेद व उदाहरण)
तो हम इन आँखों से जो कुछ भी देखते हैं , उन सबका कुछ न कुछ नाम होता है, हैं न ?
जैसे – आकाश , पक्षी , चॉकलेट , खीर, बादल ,चाँद, सूरज , आदि ये जो सब शब्द हैं, नाम हैं किसी न किसी चीज के | हमारे मन में जो भाव आते हैं उनके भी कुछ न कुछ नाम हैं, और व्याकरण में यही नाम शब्द ‘संज्ञा’ कहलाते हैं |
अब विस्तार से समझते हैं – Sangya kise kahate hain? What is sangya in hindi.
Sangya kise kahate hain ? What is Sangya in Hindi.
(संज्ञा के भेद व उदाहरण)
किसी भी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, द्रव्य ( धातु , अनाज , तरल पदार्थ ) भाव आदि के जो नाम होंगे , वे नाम ही संज्ञा (Sangya) शब्द कहलाएँगे |
जैसे –
व्यक्तियों के नाम – राम , सीता , गीता , मोहन , आशीष , मनोज , प्रीति आदि |
वस्तुओं के नाम – मेज , कुर्सी , घड़ी , टेलीविजन , रेडिओ , ताला , गेंद , आदि |
स्थान ,,,,,,,,, – दिल्ली , मुंबई , उत्तराखंड , भारत , देहरादून , नैनीताल , गोवा , आदि |
प्राणी ,,,,,,, – मनुष्य , जानवर , पक्षी , कीड़ा , लड़का , बच्चा , शेर , हाथी , आदि |
द्रव्य ,,,,,,, – चावल , गेँहू , सोना , चाँदी , पीतल , दूध , पानी , मक्का , आदि ।
भाव ,,,,,,,,, – खुशी , निराशा , आलस , गर्व , आनंद , शांति , परेशानी , गर्मी , आदि |
उपरोक्त ( ऊपर लिखे हुए ) व्यक्ति , वस्तु , प्राणी , द्रव्य , भाव , आदि ये नाम ही संज्ञा शब्द हैं |
(Sangya) संज्ञा की परिभाषा –
किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी, भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं |
आपने पढ़ा होगा कि, ऊपर लिखे हुए जो शब्द हैं, उनमें कुछ नाम व्यक्तियों के , कुछ वस्तुओं के , तो कुछ प्राणियों , स्थान , द्रव्य व भाव आदि के नाम हैं , वे शब्द अलग-अलग वर्ग में आते हैं, इस कारण हम इन संज्ञा शब्दों को अलग – अलग कर संज्ञा के भेद के अंतर्गत रखते हैं |
(Sangya) संज्ञा के कितने भेद हैं ?
(Kinds Of Noun)
संज्ञा के भेद -:
(Sangya) संज्ञा के कुल पाँच भेद हैं |
१. व्यक्तिवाचक संज्ञा
२. जातिवाचक संज्ञा
३. भाववाचक ,,,,,,
४. द्रव्यवाचक ,,,,,,
५. समूहवाचक ( समुदाय वाचक संज्ञा )
लेकिन संज्ञा के मुख्य भेदों की बात की जाए तो कुल तीन ही भेद हैं |
१. व्यक्तिवाचक संज्ञा
२. जातिवाचक संज्ञा
३. भाववाचक ,,,,,,
सबसे पहले समझते हैं व्यक्तिवाचक संज्ञा -:
Sangya kise kahate hain?
संज्ञा के भेद
व्यक्ति वाचक संज्ञा
( Proper Noun in Hindi )
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• व्यक्ति वाचक संज्ञा किसे कहते हैं? Sangya kise kahate hain?
१. व्यक्तिवाचक संज्ञा – जिन शब्दों से किसी विशेष व्यक्ति , विशेष वस्तु , विशेष स्थान या प्राणी के नाम का बोध (ज्ञान) होता है उन शब्दों को व्यक्ति वाचक संज्ञा कहते हैं |
उदाहरण के माध्यम से समझिए :-
1.मनोज वाजपेयी जी शानदार अभिनेता हैं |
2.बनारस बनारसी साड़ियों के लिए प्रसिद्द है |
3.रामचरितमानस प्रसिद्ध ग्रन्थ है |
ऊपर लिखे वाक्यों को आप समझने की कोशिश करें तो पाएँगे कि , क्रमशः ( क्रम से ) मनोज वाजपेयी किन्हीं व्यक्ति विशेष का नाम है , बनारस किसी स्थान विशेष ( जगह ) का नाम है और रामचरितमानस किसी वस्तु विशेष ( किताब ) का नाम है।
ये जो क्रमशः किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान के नाम हैं न, यही शब्द व्यक्ति वाचक संज्ञा शब्द हैं |
ऐसे ही संसार में जितने भी नाम होंगे और अगर वह नाम किसी व्यक्ति ,वस्तु, स्थान तथा प्राणी विशेष के नाम होंगे तो, वे शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द कहलाएँगे।
Sangya kise kahate hain?
संज्ञा के भेद
जातिवाचक संज्ञा
Sangya kise kahate hain?
(Common Noun in Hindi)
२. जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं ? Sangya kise kahate hain?
• जातिवाचक संज्ञा – जिन संज्ञा शब्दों से वस्तुओं , प्राणियों , पदार्थों , और स्थान आदि की पूरी जाति का पता चलता है , वे शब्द जातिवाचक संज्ञा कहलाते हैं |
उदाहरण के माध्यम से समझेंगे :-
> कार्यक्रम में कई नेता उपस्थित थे |
> कुत्ता वफादार पशु है |
> पक्षी आकाश में उड़ रहे हैं |
> सैनिक सीमा की रक्षा करते हैं |
> कवि कविता पढ़ रहा है |
> बंदर पेड़ पर बैठा है |
> लड़का गेंद से खेल रहा है |
उपरोक्त ( ऊपर लिखे हुए ) उदाहरणों को अगर आप समझें तो पता लगेगा कि, क्रमशः – नेता , कुत्ता , पशु , पक्षी , सैनिक , कवि ,कविता , बन्दर , पेड़ , लड़का , गेंद , आदि शब्दों से किसी विशेष व्यक्ति , प्राणी का नहीं , बल्कि उनकी सम्पूर्ण जाति का बोध (ज्ञान ) हो रहा है |
अतः ये जातिवाचक संज्ञाएँ हैं |
आप समझें कि आपका जो नाम है , वह शब्द तो व्यक्तिवाचक संज्ञा है , लेकिन आप कौन हैं ? ये आपकी जाति ही आपको बतलाएगी।
आप मनुष्य हो सकते हैं ,आप इंसान हो सकते हैं ,
आप एक पुरुष ,स्त्री, लड़का, लड़की, बच्चा, जवान या बूढा, इनमें से कुछ भी हो सकते हैं , इनमें से आप जो भी होंगे, यही आपकी जाति कहलाएगी और इन्हीं शब्दों के नाम को हम व्याकरण की भाषा में जातिवाचक संज्ञा कहेंगे |
संज्ञा के भेद
भाववाचक संज्ञा
Sangya kise kahate hain?
(Abstract Noun in Hindi)
३. भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं ? Sangya kise kahate hain?
भाववाचक संज्ञा – जिन शब्दों से व्यक्तियों , वस्तुओं , प्राणियों , आदि के गुण-दोष , कार्य , दशा , और भावों का बोध ( ज्ञान ) होता है , उन शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं |
गुण – सुंदरता ,ईमानदारी, गोरा ,गोल , छोटा, आदि |
दोष – कुरूपता , दुष्टता , बेईमान , शरारती,आदि |
भाव – क्रोध, शत्रुता , आलस , शान्ति , अच्छा , मिठास, आदि |
कार्य – सहायता , प्रशंसा , सलाह , आदि।
उदाहरण के माध्यम से समझेंगे :-
> क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है |
> शत्रुता से सभी का नुकसान होता है |
> सैनिक बहादुरी से युद्ध लड़ते हैं |
> अच्छाई से बुराई को जीता जा सकता है |
> प्रेम ही जीवन का आधार है |
उपरोक्त ( ऊपर लिखे हुए) वाक्यों में क्रोध, शत्रुता, बहादुरी अच्छाई, बुराई, प्रेम ये शब्द भाव वाचक संज्ञाएँ हैं |
क्योंकि ये शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु, आदि के नाम नहीं हैं और न ही किसी की जाति के बारे में बता रहे हैं |
ये ऐसे शब्द हैं जिन्हें हम महसूस करते हैं, ये किसी व्यक्ति वस्तु के गुण (अच्छाइयों) दोष (बुराइयों) भाव (जो हम महसूस करते हैं) , इनके बारे में बता रहे हैं , ऐसे शब्दों को ही हम भाववाचक संज्ञा कहेंगे ।
विशेष – व्यक्तिवाचक तथा जातिवाचक संज्ञाओं को देखा तथा स्पर्श किया जा सकता है , लेकिन भाववाचक संज्ञाओं को नहीं | इन्हें केवल हम महसूस कर सकते हैं |
अब संज्ञा के दो अन्य भेदों के बारे में जानेंगे -:
संज्ञा के दो अन्य भेद
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द्रव्य वाचक व समूह वाचक संज्ञा
Sangya kise kahate hain?
(Material Noun And
Collective Noun in Hindi)
१. द्रव्यवाचक संज्ञा Sangya kise kahate hain?
– द्रव्य आदि में आने वाली चीजों के नाम द्रव्यवाचक संज्ञा शब्द कहलाते हैं । (द्रव्य) में कौन कौन-सी चीजें आएँगी उसे जानिए पहले 👇👇
(द्रव्य) से तात्पर्य है – तरल पदार्थ (बह सकने वाली चीजें), धातु (Metal), अनाज आदि के नाम से)
>तरल पदार्थ – पानी, तेल, पैट्रोल, दूध, जूस (आदि वो सभी चीजें जो तरल हों)
>धातु – सोना, चाँद, लोहा, पीतल, ताँबा, आदि ( वो सभी चीजें जो धातु (Metalic) हों।
>अनाज – चावल, गेंहूँ, जौ, बाजरा, मक्का ( वो सभी चीजें जो अनाज में आती हों)
ध्यान रखें कि, तरल पदार्थ, धातुओं व अनाज में जितनी भी चीजें होंगी, उन सभी के नाम द्रव्य वाचक संज्ञा के अंतर्गत ही आएँगे।
• अब जानते हैं समूह वाचक संज्ञा के बारे में –
(Collective Noun in Hindi )
Sangya kise kahate hain?
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२. समूह वाचक संज्ञा – इसे समुदाय वाचक संज्ञा भी कहते हैं।
समुदाय का अर्थ होता है – Group (समूह)।
जब कोई भी चीज समूह में होगी तब वह समूह वाचक या समुदाय वाचक संज्ञा के अंतर्गत आएगी।
समूह वाचक संज्ञा परिभाषा – जिस संज्ञा शब्द से किसी एक व्यक्ति , वस्तु का नहीं बल्कि, पूरे समूह का बोध (ज्ञान) होता है | उसे समूह वाचक या समुदाय वाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – अँगूर का गुच्छा, भीड़ (लोगों का समूह) कक्षा, दल, समिति, परिवार सभा, जनता, संघ, श्रंखला, आदि ये सभी चीजें समूह में होती हैं।
इस कारण समूहवाचक संज्ञा के अंतर्गत ये सभी शब्द आए।
आपको ध्यान रखना है कि चाहे व्यक्ति हो या कोई वस्तु अगर समूह में होगी तो वो नाम सिर्फ समूह वाचक संज्ञा ही कहलाएगा ।
• समूह वाचक संज्ञाओं के कुछ वाक्य प्रयोग देखिए -:
1. मेरा परिवार कानपुर में रहता है।
2. दुर्घटना स्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई
3. गरिमा की कक्षा में चालीस छात्राएँ हैं।
4. नेताजी आज एक सभा को सम्बोधित करेंगे।
5. अंगूर का गुच्छा देखकर उसके मुंह में पानी आ गया।
ऊपर लिखे वाक्यों में , परिवार , भीड़ , कक्षा , सभा , गुच्छा , ये सभी शब्द समूह का बोध करा रहे हैं, इस कारण ये शब्द समूह वाचक संज्ञा हैं।
ध्यान दीजिए –
› द्रव्य वाचक संज्ञा शब्दों का प्रयोग प्रायः (अक्सर) एकवचन में ही किया जाता है , क्योंकि ये शब्द गणनीय ( गिने जा सकने वाले ) नहीं होते।
› समूह वाचक संज्ञा शब्दों का प्रयोग भी एकवचन में होता है ,क्योंकि ये एक ही जाति के सदस्यों के समूह को एक इकाई के रूप में व्यक्त करते हैं ।
उम्मीद है आप समझ गए होंगे कि sangya kise kahate hain? What is Sangya in Hindi इसलिए अब आपको ये बातें भी जान लेनी चाहिए :-
परीक्षा में अक्सर भाववाचक संज्ञाएँ बनाने के लिए कहा जाता है , इसलिए आपको ये भी जानना चाहिए —
भाववाचक संज्ञा बनाना –
भाववाचक संज्ञाएँ मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं।
कुछ भावाचक संज्ञाएँ मूल रूप में होती हैं। जैसे – प्रेम , दया, क्षमा ,करुणा , दया , सत्य , क्रोध , जन्म, मृत्यु आदि |
कुछ भाववाचक संज्ञा प्रत्यय शब्दों से मिलाकर बनाई जाती है- अर्थात भाववाचक संज्ञा बनाते समय इन शब्दों के अंत में प्रायः , त्व, ता, पन, आदि प्रत्यय शब्दों का प्रयोग होता है ।
इन शब्दों के प्रयोग को आपको भली – भाँति समझना चाहिए –
भाववाचक संज्ञा बनाना
भाववाचक संज्ञाएँ, जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम , विशेषण , क्रिया तथा अव्यय शब्दों से बनती हैं । भाववाचक संज्ञा बनाते समय शब्दों के प्रायः , ता , पन, त्व आदि प्रत्यय शब्दांशों का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण देखिए –
जातिवाचक से भाववाचक
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जातिवाचक – भाववाचक संज्ञा
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अतिथि ⇒ आतिथ्य
कवि ⇒ कवित्व
मित्र ⇒ मित्रता
दानव ⇒ दानवता
देव ⇒ देवता
सज्जन ⇒ सज्जनता
ईश्वर ⇒ ईश्वरत्व
राष्ट्र ⇒ राष्ट्रीयता
हिंदू ⇒ हिंदुत्व
बूढ़ा ⇒ बुढ़ापा
सर्वनाम शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाना
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सर्वनाम ⇔ भाववाचक संज्ञा
पराया ⇒ परायापन
स्व ⇒ स्वत्व
मम ⇒ ममता / ममत्व
सर्व ⇒ सर्वस्व
अहं ⇒ अहंकार
निज ⇒ निजत्व / निजता
अपना ⇒ अपनापन / अपनत्व
आप ⇒ आपा
विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना
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विशेषण ⇔ भाववाचक संज्ञा
कड़वा ⇒ कड़वाहट / कड़वापन
मीठा ⇒ मिठास
खूबसूरत ⇒ खूबसूरती
पंडित ⇒ पांडित्य
सफेद ⇒ सफेदी
प्यासा ⇒ प्यास
गरम ⇒ गरमी/गर्मी
भय ⇒ भयानक
विद्वान ⇒ विद्वता
योग्य ⇒ योग्यता
स्वस्थ ⇒ स्वास्थ्य
लम्बा ⇒ लम्बाई
आलसी ⇒ आलस्य
कठोर ⇒ कठोरता
मधुर ⇒ मधुरता / माधुर्य
कुशल ⇒ कुशलता
सरल ⇒ सरलता
उदार ⇒ उदारता
क्रिया से भाववाचक संज्ञा
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क्रिया ⇔ भाववाचक संज्ञा
हारना ⇒ हार
चढ़ना ⇒ चढ़ाई
उतरना ⇒ उतराई
जीतना ⇒ जीत
चलना ⇒ चाल
गिरना ⇒ गिरावट
झुकना ⇒ झुकाव
जागना ⇒ जागरण
धोना ⇒ धुलाई
लड़ना ⇒ लड़ाई
पीटना ⇒ पिटाई
मिलाना ⇒ मिलावट
बचाना ⇒ बचाव
मारना ⇒ मार
घबराना ⇒ घबराहट
अव्यय से भाववाचक संज्ञा
⇓
अव्यय ⇔ भाववाचक संज्ञा
समीप ⇒ समीपता/सामीप्य
धिक् ⇒ धिक्कार
निकट ⇒ निकटता
शीघ्र ⇒ शीघ्रता
देर ⇒ देरी
तेज ⇒ तेजी
तीव्र ⇒ तीव्रता
मन ⇒ मनाही
ये कुछ उदाहरण हैं जिन्हें पढ़ कर आप समझ सकते हैं कि जातिवाचक संज्ञाओं से , सर्वनामों से , विशेषणों से , क्रियाओं से , अव्ययों से भाववाचक संज्ञाएँ कैसे बनती है।
उम्मीद है दोस्तों Sangya kise kahate hain? पर मेरा ये प्रयास आपको पसंद आया होगा और संज्ञा के बारे में अब आप अच्छे से परिचित भी हो गए होंगे, अगर आपको समझ में आ गया है तो मुझे कमेंट बॉक्स में अपनी महत्वपूर्ण राय जरूर दीजिएगा, क्योंकि आपका एक कमेंट मेरा हौसला बढ़ा सकता है और यह मेरी सफलता और असफलता का सूचक भी है।
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हिन्दी ज्ञान सागर ©
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1 comment
bahut hi kaam ki information he